मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध
कहानियों का सारांश
कहानी : नमक का दरोगा
सारांश : नमक का दरोगा कहानी समाज की यथार्थ स्थिति को उद्घाटित
करती है। कहानी के नायक मुंशी वंशीधर एक
ईमानदार और कर्तव्यपरायण व्यक्ति है, जो समाज में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिशाल कायम करता
है । पंडित अलोपीदीन दातागंज के सबसे अधिक अमीर और
इज्जतदार व्यक्ति थे। जिनकी राजनीति में भी अच्छी पकड़ थी। अधिकांश अधिकारी उनके अहसान तले दबे
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हुए थे। अलोपीदीन ने धन के बल पर सभी बर्गों के
व्यक्तियों को गुलाम बना रखा था। दरोगा मुंशी वंशीधर उसकी नमक की गाड़ियों को पकड़ लेता है, और अलोपीदीन को अदालत में गुनाहगार के रूप में प्रस्तुत करता है, लेकिन वकील और प्रशासनिक आधिकारी उसे निर्दोष साबित कर देते हैं, जिसके बाद वंशीधर को नौकरी से बेदखल कर दिया जाता है। इसके उपरांत पंडित अलोपीदीन, वंशीधर के घर जाके माफी माँगता है और अपने कारोवार में स्थाई मैनेजर बना देता
है तथा उसकी ईमानदारी और कर्त्तव्य निष्ठा के आगे
नतमस्तक हो जाता है।
कहानी : कफ़न
सारांश : मुंशी प्रेंमचंद की कहानी 'कफन' ऐसे बाप-बेटों की कहानी है, जो बेहद गरीब हैं। जिसमें बाप और बेटा दोनों एक बुझे
हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव वेदना से
पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़
निकलती थी कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों की रात थी, प्रकृत्ति सन्नाटे में डूबी हुई, सारा गाँव अंधकार में
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लय हो गया था। जब
निसंग भाव से कहता है कि वह बचेगी नहीं तो माधव चिढ़कर उत्तर देता है कि मरना है तो जल्दी ही क्यों नहीं मर जाती-देखकर भी वह क्या कर लेगा। लगता है
जैसे कहानी के प्रारंभ में ही बड़े सांकेतिक ढंग से प्रेमचंद इशारा कर रहे हैं और भाव का अँधकार में लय हो जाना मानो पूँजीवादी व्यवस्था का ही
प्रगाढ़ होता हुआ अंधेरा है जो सारे मानवीय मूल्यों, सद्भाव और
आत्मीयता को रौंदता हुआ निर्मम भाव से बढ़ता जा रहा है। इस औरत ने घर को एक व्यवस्था दी थी, पिसाई करके या घास छीलकर वह इन दोनों बेगैरतों का दोजख (पेट) भरती रही
है। और आज ये दोनों इंतजार में है कि वह मर जाये, तो आराम से सोयें। आकाशवृत्ति पर जिंदा
रहने वाले बाप-बेटे के लिए भुने हुए आलुओं की कीमत उस मरती हुई औरत से ज्यादा है। उनमें कोई भी इस डर से उसे देखने नहीं जाना चाहता कि उसके
जाने पर दूसरा आदमी सारे आलू खा जायेगा।
कहानी : बूढ़ी काकी
सारांश : वक्त के साथ
बहुत कुछ बदल गया लेकिन मुंशी प्रेमचन्द की कहानी बूढ़ी काकी की काकी आज भी प्रासंगिक है।
बुजुर्गों की बात चलती है तो प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की मार्मिक कहानी बूढ़ी
काकी याद हो आती है। बुजुर्ग
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को लोग नसीहत देते
हैं। उनकी उपेक्षा करते हैं, अवहेलना करते हैं। मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढी काकी आज भी हमारे सामने आइने की तरह है।
कहानी : पूस की
रात
सारांश : पूस की रात: मुंशी प्रेंमचंद ने कहानी 'पूस की रात' में भारतीय किसान की लाचारी का यथार्थ चित्रण किया है।
जिसमें उत्तर भारत के किसी एक गाँव में हल्कू नामक
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एक गरीब किसान
अपनी पत्नी के साथ रहता था। किसी की जमीन में खेती करता था। पर आमदानी कुछ भी नहीं थी। उसकी पत्नी खेती
करना छोडकर और कहीं मजदूरी करने कहती थी। हल्कू के लगान
के तीर पर दूसरों की खेती थी। खेत के मालिक का बकाया था। हल्कू ने अपनी पत्नी से तीन रुपए माँगे। पत्नी ने देने से इनकार किया, ये तीन रुपिए जाडे की रातों से बचने केलिए, कंबल खरीदने के लिये जमा करके रखे थे। बाद में पूस की रातें जब
आती हैं, तो किसान के खेत को नीलगाय बर्बाद कर चुके होते हैं। ये कहानी
खेती-किसानी की कठिनाई बयान करती है, साथ ही पयालनवाद पर चोट करती है।
कहानी : पंच
परमेश्वर
सारांश : पंच-परमेश्वर में दो मित्रों की कहानी है। सच और ईमानदारी
की कहानी है। जलन और द्वेष की कहानी है। साथ ही जिम्मेदार पद की गरिमा की रक्षा की कहानी है। जुम्मन साहू और
अलगू चौधरी इस कहानी के मुख्य पात्र हैं।
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कहानी : ईदगाह
सारांश : ईदगाह कहानी एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो साल भर ईद का इंतजार करता है। और जब उसे मेले के लिए नाममात्र के
पैसे मिलते हैं। तो भी वो खुद पर न खर्च कर अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदता है। जिसकी कमी की वजह
से उसकी दादी का हाथ रोटियां बनाते समय हमेशा जलता रहता
है। पूरी कहानी बालमन के इर्द-गिर्म मार्मिक तरीके से घूमती है। ये प्रेमचंद का ही कमाल है कि
ईदगाह का जिक्र आते ही ईश्वर के स्थान पर जाने के साथ
ही खुद प्रेमचंद भी याद आते हैं।
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कहानी : दो बैलों की
कथा
सारांश : मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'दो बैलों की कथा' को हम सब बचपन की पाठ्य पुस्तकों में पढ़ चुके हैं।
ये कहानी हीरा-मोती नाम के बैलों की कहानी है। जो आपस में बेहद प्रेमपूर्ण तरीके से रहते हैं।
सभी सुख-दुख साथ झेलते हैं। कहानी में झूरी है, जो दोनों का मालिक है। कहानी में झूरी
की पत्नी है, जो हीरा-मोती से प्रेम करती है। कहानी
में झूरी का साला गया भी है, जो क्रूर है। वो हीरा-मोती को
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अपने घर ले जाता
है, पर हांड तोड़ मेहनत तो लेता है, खाने को कुछ नहीं देता। दोनों बैल वहां से भाग निकलते हैं। रास्ते में सांड से लड़ाई होती है, जिसमें दोनों बैल बाजी मार जाते हैं। और तमाम मुश्किलों को झेलते हुए वापस झूरी
तक पहुंचते हैं, जो दोनों को गले से लगा लेता है। इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने जानवरों की
समझदारी और इंसानी प्रेम को दर्शाया गया है।
कहानी : शतरंज के खिलाड़ी
सारांश : शतरंज के खिलाड़ी की रचना मुंशी प्रेमचंद ने अक्टूबर
१९२४ में की थी और यह 'माधुरी' पत्रिका में छपी थी। इस कहानीको आधार
बनाकर1977 में सत्यजीत राय ने इसी नाम हिन्दी फिल्म
भी बनायी थी। इस कहानी में प्रेमचंद ने वाजिदअली शाह के वक्त के लखनऊ को चित्रित किया है। भोग-विलास
में डूबा हुआ यह शहर राजनीतिक-सामाजिक चेतना से
शून्य है। पूरा समाज इस
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भोग-लिप्सा में शामिल है। इस कहानी के प्रमुख पात्र
मिरज़ा सज्जाद अली और मीर रौशन अली हैं। दोनों वाजिदअली शाह के जागीरदार हैं। जीवन की बुनियादी ज़रूरतों के लिए उन्हें कोई चिन्ता नहीं है। पर बाद
में दोनों एक-दूसरे की तलवार से ही मारे जाते हैं।
nice deed..
ReplyDeleteIt helped a lot in my hindi project .
ReplyDeleteThanks a lot .
All other books by Munshi Premchand kept in Rack 10-I to 10-III
ReplyDeleteIt also helped in my hindi project .tysm
ReplyDeleteBahut abhar
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteThis site is good I recommended all my friends helped me alot
ReplyDeletewonderful job
ReplyDeleteHelpful
ReplyDeleteIt is very helpful
ReplyDeleteAdbhut karye
ReplyDeleteThank you so much my help in hindi project
ReplyDeletePlz or khaniyo ka sarans add kre and thank you this stories are very helpfull in my exam
ReplyDeleteThanks a lot for helping my project
ReplyDeleteबहुत अच्छा
ReplyDeleteIt also help in my Hindi holiday homework
ReplyDeleteVery very thank you.......
ReplyDeletehelped me do my homework easily
ReplyDeleteawesome job
It helps a lot in my project
ReplyDeleteThank you so much 🙏
ReplyDeleteThank you so much 🙏🙏
ReplyDeleteमुंशी प्रेमचंद जी की कुछ कहानियों के बारे बहुत कुछ पढ़ने को मिला।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद