पंचतंत्र की कहानियाँ
पंचतंत्र प्राचीन भारत के
सुप्रसिद्ध शास्त्रीय ग्रंथो में से एक है| यह भारतीय विरासत का एक विशाल और अदभुत
अंग है| विष्णु शर्मा ने जंगलो में बोलते पशुओं के माध्यम से बच्चो की बुद्धिमता
को समृद्ध करने के लिए लघु कहानियो के संग्रह का सृजन किया| ये कहानिया आज से २०००
वर्ष पूर्व लिखी गयी , जो वर्तमान समय में पंचतंत्र के नाम से विख्यात है| विष्णु
शर्मा ने ये कहानिया कैसे लिखी यह अपने आप में एक कहानी है| एक समय में एक राजा था
, जिसे “अमरशक्ति” के नाम से जाना जाता था| उसके तीन पुत्र थे , जो सदेव काम
से जी चुराते थे| वह अत्यंत दुखी एवं चिंतित था , “मुझे इन्हें शिक्षित करने का कोई मार्ग दिखाओ” , उसने अपने दरबारियों से कहा| इसके लिए विष्णु शर्मा को
बुलवाया गया| उन्हें राजकुमारों को केवल छः महीनो में समझदार बनाने को कहा गया|
दिनों-दिन उन राजकुमारों ने विष्णु शर्मा द्वारा सुनाई गयी अदभुत कहानियो को
ध्यानपूर्वक सुना| चमत्कार होना आरम्भ हो गया| उन राजकुमारों ने प्रत्येक
परिस्थिति से जीवन को जीने एवं देखने का मूल्य सिखा|
पंचतंत्र को उसके २०० भागों के साथ पचास विभिन्न
भाषाओं में अनुवादित किआ गया| अधिक रुचिकर तथ्य यह है कि ग्रिम्स परियों की
कहानियाँ और एसॉप फेबल्स को विष्णु शर्मा द्वारा सृजित पशुओं की कहानियों के
संग्रह की ओर पुनः ले जाया गया|
पंचतंत्र का अर्थ है पांच पुस्तकें या
प्रणालिया| यह नब्बे कहानियों का संग्रह है , जिसमे कहानियों में ही कहानियाँ
समाहित है|
पंचतंत्र का अर्थ पांच ‘तंत्र’ भी होता है
, जिसका अर्थ है व्यव्हार करने के मूल्यों एवं नियमों का स्रोत-शास्त्र जिसमे
आत्मविश्वास या मस्तिष्क की दृढ़ता , समृद्धि का सृजन , ईमानदारी , मित्रता और
ज्ञान समाहित है|
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